👉सिंधी समाज में रोष, हिंदू धर्म को समाप्त करने की साजिश
न्यूज़ स्ट्रोक
आगरा, 01 दिसंबर। पाकिस्तान में यूनेस्को की धरोहर घोषित हिंगलाज माता के एक प्रसिद्ध मंदिर को तोड़े जाने पर सिंधी समाज ने तीखी प्रतिक्रिया जाहिर की है। समाज के लोगों ने कहा कि हिंदू धर्म को खत्म करने की साजिश पाकिस्तान में की जा रही है।
इसके विरोध मे सिंधी सेंट्रल पंचायत ने प्रधानमंत्री को सम्बोधित एक ज्ञापन जिलाधिकारी को दिया। पंचायत के अध्यक्ष चंद्र प्रकाश सोनी ने पाकिस्तान मे तोड़े गये मंदिर की कड़े शब्दों में निंदा करते हुए कहा कि यह हिन्दू आस्था के साथ खिलवाड़ है। दमनकारी लोगों ने हिन्दू धर्म को समाप्त करने का ठेका लिया हुआ है। ज्ञापन में कहा गया है कि समूचा अखंड भारत का सिंध प्रांत संत महात्माओं की जन्म स्थली रहा है। वेदों की रचना भी पवित्र सिंधु नदी के तट पर हुई और वरुणावतार भगवान झूलेलाल का अवतरण भी सिंध की पावन भूमि पर हुआ था। सिंधी संतों के कई पवित्र धार्मिक स्थल भी पाकिस्तान में हैं। माता के 52 शक्ति पीठों (धार्मिक स्थलों में से एक प्रमुख स्थान माता हिंगलाज का प्राचीन मंदिर भी पाकिस्तान में है। इसे तोड़ दिया गया है। पाकिस्तान में हिंदू (सिंधी) समाज को न सिर्फ दूसरे दर्जे का नागरिक माना जाता है अपितु समय-समय पर उन पर तरह-तरह के अत्याचार किए जाते हैं, जिनमें जबरन धर्म-परिवर्तन कर हिंदू समाज की नाबालिग बच्चियों के साथ निकाह करने के समाचार आए दिन मिलते रहते हैं।
पाकिस्तान के हिंदू बहुल इलाके में तोड़ा गया मंदिर
बता दें कि पाकिस्तान के मीठी शहर में हाल में ही यूनेस्को द्वारा सूचीबद्ध हिंगलाज माता मंदिर को अधिकारियों द्वारा तोड़ दिया गया। अधिकारियों ने कहा कि यह कोर्ट के आदेश पर किया गया है। मीठी शहर पाकिस्तान का हिंदू बहुल इलाका माना जाता है।
इससे पहले भी तोड़े गए हैं मंदिर
बता दें कि पाकिस्तान में यह पहली बार नहीं है कि कोई हिंदू मंदिर ध्वस्त किया गया हो। इससे पहले भी कई बार हिंदु मंदिरों को निशाना बनाया जा चुका है। इससे पहले जुलाई में भी एक मंदिर को तोड़ दिया गया था। कराची में मरीमाता का मंदिर जमींदोज कर दिया गया था। चारदिवारी और गेट को छोड़कर अंदर का पूरा ढांचा तोड़ दिया गया था।
ज्ञापन दिए जाने के दौरान सिंधी सेंट्रल पंचायत के चंद्र प्रकाश सोनी,घनश्याम दास देवनानी, परमा नन्द आतवानि, जय राम दास होतचंदानी, किशोर बुधरानी, मीडिया प्रभारी मेघराज दियालानी, सुशील नोतनानी, जगदीश डोडानी, जय पुरसनानी, अशोक पारवानी, अशोक कोडवानी, अमृत माखीजा, रोहित आयलानी, जतिन लालवानी, मेघराज शर्मा, उमेश पारवानी, हरीश मोटवानी, दौलत राम मोडवानी, जितेन्द्र पमनानी आदि पदाधिकारी मौजूद रहे।
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