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जानिए कब है साल का अंतिम सूर्य ग्रहण और कहां-कहां दिखाई देगा

भारत में दृश्यता रहेगी शून्य

 इसलिए सूतक मान्य नहीं


     दीप्ति जैन
 आधुनिक वास्तु
एस्ट्रो विशेषज्ञ 
आज से दो दिन बाद यानी चार दिसंबर शनिवार को साल का अंतिम सूर्य ग्रहण घटित होने जा रहा है। शनिवार को शनि अमावस्या और सूर्य ग्रहण का साख संयोग बन रहा है। इस दिन मार्गशीर्ष मास की कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि है। शनिवार के दिन अमावस्या पड़ने के कारण इसे शनिश्चरी अमावस्या भी कहते हैं। यह ग्रहण दक्षिण अमेरिका, दक्षिण अफ्रीका, ऑस्ट्रेलिया व अंटार्टिका में दिखाई देगा। इस ग्रहण की दृश्यता भारत में शून्य ही रहेगी। इसके कारण सूतक काल मान्य नहीं है। किंतु ज्योतिष अनुसार सूर्य ग्रहों का राजा और सौरमंडल का केंद्र माना जाता है। इस पर लगने वाले ग्रहण का प्रभाव मानव जाति पर होना स्वभाविक ही है। इस कारण कुछ सावधानियां तो बरतनी ही चाहिए।
यह ग्रहण अमावस्या तिथि 4 दिसंबर प्रातः 10:59 पर प्रारंभ होकर दोपहर 3:07 पर समाप्त होगा। इस अंतराल में कोई भी शुभ मांगलिक कार्य आरंभ ना करें।

 फिर भी क्या करें, क्या ना करें 

ग्रहण के समय भोजन करने से परहेज करें। यदि आप बीमार है तो इस नियम का पालन ना करें। ग्रहण के समय अपने गुरु के द्वारा या ज्योतिष द्वारा दिए गए मंत्रों का जाप करें।
ग्रहण काल में दान करने से शुभ फल प्राप्त होती है। किसी भी वस्तु का दान करने से पूर्व है आप किसी विशेषज्ञ से अपनी कुण्डली का अध्ययन करवायें, उसके पश्चात ही निर्धारित वस्तु का दान करें। वास्तव मे दान करने से ग्रहों की शुद्धि होती है किंतु यदि सहायक ग्रह की वस्तु का दान कर दिया तो हानि भी हो सकती।
ग्रहण काल में खास करके गर्भवती महिलाएं चाकू, कैंची का प्रयोग करने से बचें।
गर्भवती महिलाएं अपने पेट पर, नाखून में गेरू का लेप लगाकर, प्रभु ध्यान कर मंत्रोच्चारण करें। ग्रहण से पूर्व बने भोजन में तुलसीदल डाल दें। ग्रहण के उपरांत घर में गंगाजल का छिड़काव कर स्नान करें।
सूर्य ग्रहण का प्रभाव राजनीति, सत्ता व सरकारी कर्मचारी पर अधिक होता है। जिन जातकों की कुंडली में सूर्य कमजोर स्थिति पर हो या राहु केतु या शनि के साथ विराजमान हो तो ऐसे जातक सूर्यग्रहण के दौरान नेत्रहीन व्यक्ति को दलिया, गुड या गेहूं का दान करें। संभव हो तो किसी ज्योतिषाचार्य से मिलकर कितना दान करना है यह भी निर्धारित करवा ले।
जिन जातकों को अक्सर शत्रुओं का भय रहता है व आत्मबल कमजोर हो, वे सूर ग्रहण के समय आदित्य ह्रदय स्त्रोत का पाठ अवश्य करें। बहुत समय से बीमार वृद्धजन खास करके हृदय रोगी, उच्च रक्त संचार रोगी, हड्डी कमजोरी से पीड़ित व्यक्ति व माइग्रेन के रोग से ग्रस्त व्यक्ति सूर्य ग्रहण से 90 दिन तक सूर्य को जल अवश्य दें। जल में लाल कनेर के पुष्प अवश्य डालें। खानपान में नमक का सेवन कम कर दे। आरोग्यता की प्राप्ति होगी।
 व्यवसाय में लाभ के लिए घर या ऑफिस की पूर्वी दिशा में 3 डी सूर्य यंत्र स्थापित करें व सूर्य ग्रहण के समय व 90 दिन तक नियमित यंत्र के समक्ष सूर्य मंत्र का जाप करें। शुभ फल की प्राप्ति होगी।
कोर्ट कचहरी व संपत्ति विवाद में फंसे जातक सूर्य ग्रहण के समय आटे का दान अवश्य करें। यह दान वृद्ध आश्रम में करने से शुभ फल की प्राप्ति होगी। विवादों में आपकी विजय होगी।

                                         

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